कामकाजी महिलाओं के लिए आदर्श पोषण प्रणाली और जीवनशैली में संतुलन

हमारे समाज में एक औरत का खुशहाल रहना बहुत हद तक उसके स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता है | एक स्वस्थ मां या स्वस्थ पत्नी ही एक स्वस्थ परिवार की नींव होती है, पर सभी का ध्यान रखते-रखते एक औरत खुद का ध्यान रखना भूल जाती है और अपने स्वास्थ्य को नज़र अंदाज कर देती हैं | परंतु एक औरत को स्वस्थ जीवन जीने के लिए पौष्टिक भोजन, संतुलित आहार के साथ अपने जीवन की कार्यशैली में नियोजन होना अतिआवश्यक है |

[ 1 ] एक महिला के शरीर में पोषक तत्वों का महत्व

अनेको पोषक विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं में पुरुषो से कही अधिक पोषकतत्वों की आवश्यकता होती हैं | मासिक धर्म जैसी प्रक्रिया के कारण कई मां और महिलाएं खून की कमी जैसी बीमारियों का शिकार हो रही हैं | कई महिलाएं चाहे वो घर पर हो या ऑफीस में, वो इतना व्यस्त रहती हैं की समय पर उचित भोजन भी ग्रहण नही कर पाती हैं | पोषकतत्वों की कमी से शरीर में लोह्तत्व ,कैल्शियम, विटामिन जैसे तत्वो की कमी आती है जिससे शरीर में कुछ लक्षण एवं बदलाओ आते हैं, एवं आगे जाकर ये बड़ी-बड़ी बीमारियो का रूप लेते हैं और महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं | उदाहरण के लिए लोह्तत्व की कमी अनिमिया जैसी बीमारी को बढावा देती हैं जिससे थकान एवं कमज़ोरी महसूस होती हैं | विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होने की संभावना होती है जिससे पुनः कमज़ोरी, चक्कर इत्यादि महसूस होता हैं | और विटामिन डी की कमी से रिकेट्स नामक बीमारी होने की संभावना होती है जिसके घबराहट, चक्कर आना और ऐंठन जैसे लक्षण हैं | साथ ही कैल्शियम की कमी के कारण जोड़ो में दर्द, नाख़ून का टूटना, हड्डियो का जल्दी टूटना आदि लक्षण सामने आते है |

इससे सिद्ध होता है की एक महिला को हमेशा अपने भोजन में संतुलित आहार लेना बहुत ज़रूरी है जो की पोषक तत्वो से परिपूर्ण हो |

[ 2 ] आदर्श पोषण संबंधी अभ्यास

संतुलित भोजन जीवन का आधार है | पोषकतत्वों से परिपूर्ण आहार महिलाओं के व्यस्त जीवन में उर्जा और शक्ति प्रदान करता हैं और कई होने वाली बीमारियों से बचाता हैं, एक कामकाजी महिला को हमेशा अपने खाद्य पदार्थो को लेकर सचेत रहना चाहिए जिससे भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सके |

कुछ युक्तियाँ निम्नलिखित हैं :-

a) ऑफीस में पौष्टिक और घर का बना खाना ले जाएं |
b) पेक्ड फुड से बचे और इसकी जगह फल-फ्रूट्स का सेवन करें |
c) चाय और कॉफी की मात्रा कम ही सेवन करें |
d) सुबह का नाश्ता कभी टालना नही चाहिए | एक पर्याप्त और पौष्टिक नाश्ता आपको पूरा दिन ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेगा |
e) दिन भर के काम के बाद आप बहुत थक जाती है और बहुत भूख भी लगती हैं, हो सकता है की आप इस परिस्थिति में कुछ भी खा ले लेकिन यह महत्वपूर्ण है की आप संयम रखे और अपने रात के खाने में भी पोषक तत्वों से भरे भोजन का सेवन करें |

[ 3 ] व्यक्तिगत एवं कार्यरत जीवन में संतुलन एवं प्रबंधन

जैसा की हम सब जानते है की हमारे व्यक्तिगत जीवन और कार्यक्षेत्र जीवन में संतुलन होना बहुत ज़रूरी हैं, और ये बहुत बड़ी चुनौती हैं | कभी कभी ये असंभव भी प्रतीत होता हैं | पर कुछ कार्यवाहक और पेशेवर लोगो ने निम्नलिखित क्रियाओं द्वारा अपने कार्यक्षेत्र के साथ साथ अपने व्यक्तिगत जीवन में समन्वय स्थापित कर सफलता प्राप्त की हैं; और वो अपने परिवार तथा बच्चो के लिए पर्याप्त समय निकाल पा रहे हैं, एवं अन्य दिलचस्प क्रियाओ में भी भाग ले पा रहे हैं |

कुछ अच्छी आदते जो आप अपना सकते हैं :-

a) जैसे समय पर सोना, उठना और उचित दिनचर्या निश्चित करना |
b) अपने भोजन में पौष्टिक और आवश्यक पदार्थो का एक अच्छा संतुलन बनाना एवं भोजन के समय की संभावित योजना बनाना |
c) अपनी दैनिक दिनचर्या में अपने लिए समय निकालना, जिसमे व्यायाम, योगासन, प्राणायाम, ज़ुम्बा क्लास, अरोबिक्स, नृत्य इत्यादि अपनी रूचि अनुसार शामिल किया जा सके |
d) सोशियल मिडिया, मैल और अन्य गतिविधियो का नियंत्रित उपयोग कर या कभी कभी बंद कर अन्य गतिविधियो जैसे ध्यान, मानव संपर्क, परिवारिक यात्रा या अन्य सुखद गतिविधियो के लिए समय निकालना ,जिसमे आपको रूचि हो |
e) मादक पदार्थो का सेवन कम करना |

एक औरत ही एक मां, एक पत्नी और एक बेटी होती है | आपकी विभिन्न भूमिकाओ के चलते आपकी आहार योजना भी भिन्न-भिन्न हो सकती हैं तो ये हमेशा निश्चित किया जाए की खाद्य पदार्थो में कब किन तत्वो को समाविष्ट किया जाए | उदाहरण के लिए एक औरत जो गर्भवती है और साथ ही कार्यरत भी है उसकी भोजन योजना भिन्न हो सकती हैं, क्योंकि वो उसके साथ-साथ गर्भ में उपस्थित बच्चे का भी पोषण कर रही हैं | वैसे ही देखा गया है की एक स्तनपान कराने वाली माता को सामान्य से अधिक भूख लगती हैं क्योंकि तब भी वो अपने साथ-साथ अपने बच्चे के पोषण की पूर्ति करती हैं | एक महिला के माँ बनने के बाद उसके शरीर में लोह तत्वों की कमी हो जाती है व अधिक मात्रा में प्रोटीन विटामिन इत्यादि तत्वों की आवश्यकता होती हैं, अतः उनका आहार भी उसी के अनुसार होना चाहिए | हर महिला को अपने जीवन की कार्यशैली और शरीर की ज़रूरतो के अनुसार एक उचित भोजन प्रणाली तैयार कर उसका अभ्यास करना चाहिए |

उपरोक्त दी गयी जानकारी एक सामान्य जानकारी है | अगर आप भी अपनी संतुलित पोषण तालिका व दिनचर्या निश्चित करना चाहते है तो एक अच्छे पोषक विशेषज्ञ या वैज्ञानिक से सलाह व परामर्श ले सकते हैं |

आप उपरोक्त विषय में क्या सोचते हैं? अपने विचार हमारे साथ नीचे कॅमेंट्स सेक्शन में साझा कर सकते हैं |

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